
ABN : हेल्थ टेक्नोलॉजी में अग्रणी रॉयल फिलिप्स ने आज भारत में मोबाइल इनटेंसिव केयर यूनिट को प्रस्तुत किया है। रोगियों की गंभीर-देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार इन प्रत्येक प्री-फैब्रीकेटेड आईसीयू में नौ बिस्तरों की क्षमता है। इन्हें भारत में स्थानीय स्तर पर फिलिप्स द्वारा तैयार किया जाएगा। प्रत्येक आईसीयू यूनिट को चुनिंदा स्थल पर एक दिन में असेम्बल किया जा सकता है। यह पोर्टेबल आईसीयू उन सरकारी संस्थाओं और संगठनों की मदद करेंगे जो अपनी सामुदायिक पहुंच को बढ़ाना चाहते हैं। यह वर्तमान में फैली कोविड-19 जैसी महामारी और प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को कम करने में भी मददगार होंगे।
1380 वर्ग फुट में फैले इन आत्मनिर्भर यूनिट को साइट पर ऑपरेशनल बनाने के लिए केवल बिजली और पानी कनेक्शन की जरूरत होगी। प्रत्येक पोर्टेबल आईसीयू अत्याधुनिक गंभीर-देखभाल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे व्यक्तिगत रोगी क्यूबीकल्स, क्रॉस-कंटैमिनेशन से बचने के लिए एंटी-बैक्टीरियल पेंट और सेल्फ-डिसइनफेक्शन सुविधा के साथ हाई-एंड वॉशरूम से लैस हैं।इन आईसीयू को चिकित्सा उपकरण जैसे वेंटीलेटर्स, डेफीब्रिलेटर, सेंट्रल मॉनिटरिंग स्टेशन और कंटीन्युअस पॉजिटिव एयर प्रेशर मशीन के साथ उचित सपोर्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे बैक-अप पावर, ऑक्सीजन और वैक्यूम सप्लाई जैसे फीचर्स हैं।
इस पोर्टेबल आईसीयू के भविष्य को लेकर डैनियल मैजोन, वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, फिलिप्स इंडियन सबकॉन्टीनेंट ने कहा, 'देश में लोगों को सस्ता और हाई-क्वालिटी स्वास्थ्य उपकरण उपलब्ध कराने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप हमें भारत के लिए अत्याधुनिक मोबाइल आईसीयू को पेश करने पर गर्व हैं। हमारा मानना है कि यह समाधान देश को कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करेगा क्योंकि यह स्वास्थ्य संस्थानों को अपनी बिस्तर क्षमता बढ़ाने में सक्षम बनाता है।इस प्रोडक्ट पर महिपाल सिंह भनोत, जोनल डायरेक्टर- फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा, 'फिलिप्स इंडिया द्वारा तैयार किया गया पोर्टेबल आईसीयू समाधान सभी आधुनिक प्रौद्योगिकियों को पोर्टेबिलिटी के साथ उपलब्ध कराता है। यह आइसोलेटेड रोगी के उपचार, आपदा प्रबंधन और समुदाय संक्रमण में बहुत अधिक मदद करेगा।'#SHARE #COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।