
हरियाणा के निजी स्कूल हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड को झटका देने का मन बना रहे हैं। बोर्ड के रवैये से खफा स्कूल संचालक भविष्य में सीबीएसई की संबद्धता ले सकते हैं। स्कूल संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर बोर्ड ने अपना रवैया नहीं बदला तो निजी स्कूल सीबीएसई से मान्यता ले लेंगे। जिन स्कूलों के स्टाफ सदस्यों ने बीते वर्ष एग्जाम ड्यूटी नहीं दी थी, उन पर पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया गया था।
अब बोर्ड चेयरमैन इस जुर्माने को न भरने की सूरत में ओर अधिक बढ़ाने की बात कह रहे हैं, जबकि 27 मई को प्राइवेट स्कूल संघ के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री कंवरपाल से मुलाकात में इस मुद्दे को उठाया था। शिक्षा मंत्री ने जुर्माना माफ करने की बात कही थी।
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू, संरक्षक तेलूराम रामायणवाला, वरिष्ठ उपप्रधान संजय धत्तरवाल, रिकोग्नाइज्ड संगठन के अध्यक्ष राजपाल सिंधु, बहादुर सिंह, अजीत जागृति और विरेंद्र बामल ने भिवानी शिक्षा बोर्ड पर दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम को लेकर बच्चों को भ्रमित करने व उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया है।कहा कि बोर्ड ने दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम को मजाक बनाकर रख दिया है। दो बार रिजल्ट घोषित करने की घोषणा के बावजूद ऐन मौके पर रिजल्ट को बहाना बनाकर टाल दिया गया। अब स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि विज्ञान विषय से जुड़े संस्थानों में दाखिला लेने वाले परीक्षार्थियों के लिए विज्ञान विषय की परीक्षा पास करना जरूरी है।इसलिए 15 जून तक विज्ञान परीक्षा देने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स का सहमति पत्र बोर्ड में जमा कराया जाए। जो स्कूल बोर्ड को यह सूचना नहीं भेजेगा, वे उसके लिए स्वयं जिम्मेदार होगा। कुंडू ने कहा कि दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले हजारों बच्चे मेहनत मजदूरी करने वाले यूपी व बिहार सहित अन्य राज्यों के मजदूर परिवारों से हैं, जो कोरोना महामारी के चलते अपने अपने प्रदेशों में चले गए हैं।