प्रदेश के नोडल सेंटर पीजीआई रोहतक में काेरोना के 420 मरीज ढाई महीने के दौरान दाखिल हो चुके हैं। इलाज के दौरान 23 डॉक्टर्स व अन्य स्टाफ कोरोना की चपेट में आ चुका है। 200 क्वारेंटाइन में हैं। आईसीयू और आइसोलेशन वार्ड में पूरा स्टाफ पीपीई किट में रहता है, फिर भी पीजीआई हाॅट स्पॉट बन गया है। यहां कहीं से भी कोरोना का हमला हो सकता है। अब तक ओपीडी और इमरजेंसी में 18 मरीज संक्रमित मिल चुके हैं। इमरजेंसी में औसतन 600 व ओपीडी में 800 मरीज रोज आ रहे हैं। पता नहीं चल पाता कि कौन संक्रमित है। जब तक रिपोर्ट आती है तब तक ये कई हेल्थ वर्कर्स और सामान को टच कर चुके होते हैं। 6 डॉक्टर व 9 नर्सिंग स्टाफ के संक्रमित होने का यही कारण रहा है। वहीं, आशंका है कि एंबुलेंस चालक, सफाई कर्मी, लैब एसिस्टेंट आदि पीपीई किट उतारते वक्त चपेट में आ गए।कोविड कंट्रोलरूम इंचार्ज डॉ वरुण अरोड़ा ने बताया कि किट उतारते वक्त जरा सी चूक से संक्रमण फैल सकता है।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।