
नहीं होंगी फाइनल ईयर और शेष सेमेस्टर परीक्षाएं #SHARE #COMMENT
हरियाणा सरकार ने कोरोना काल में विद्यार्थियों को राहत देते हुए अब विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और तकनीकी शिक्षा से जुड़े संस्थानों में अंतिम व अन्य सेमेस्टर की परीक्षाएं नहीं लेने का फैसला किया है। छात्र संगठनों के आंदोलन व एनएसयूआई के हाईकोर्ट जाने पर सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा है। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट किया जाएगा।पिछली परीक्षा में प्राप्त अंकों के 50 प्रतिशत को वर्तमान सेमेस्टर के आंतरिक मूल्यांकन या असाइनमेंट के 50 प्रतिशत अंकों के साथ जोड़ने का फैसला लिया गया है। कोरोना के बाद परिस्थितियां सामान्य होने पर विद्यार्थी अगर चाहें तो परीक्षा में शामिल होकर ग्रेड में सुधार के लिए विकल्प चुन सकते हैं। यही फार्मूला दूरस्थ शिक्षा व प्राइवेट विद्यार्थियों के लिए भी लागू होगा।सरकार ने पहले बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों को छूट देते हुए हरियाणा के छात्रों की परीक्षाएं लेने का निर्णय लिया था। जिसका एनएसयूआई, इनसो, आईएसओ ने विरोध किया। सोमवार को एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। अगली सुनवाई से पहले ही सरकार ने कोविड के चलते परीक्षाएं संचालित न करने का फैसला लिया है।शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने बताया कि यदि कोई विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा लेने के लिए सभी सुविधाएं रखता है तो वहां ऑनलाइन परीक्षाएं संचालित की जा सकती हैं। यह सुनिश्चित करना होगा कि विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा देने में सक्षम हों। जिन विद्यार्थियों के पेपर बचे हुए हैं, उन्हें परीक्षा से छूट देकर पिछली परीक्षा के औसत अंकों के आधार पर अगले सेमेस्टर में प्रमोट किया जाएगा।कंवर पाल के अनुसार प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को केवल आंतरिक मूल्यांकन की गणना के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट कर सकते हैं। जहां पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं अभी तक संचालित नहीं हो पाई हैं, वहां पर विद्यार्थियों की पिछली सभी प्रैक्टिकल परीक्षाओं के औसत आधार पर या पिछले सेमेस्टर में थ्योरी की परीक्षाओं के औसत 80 प्रतिशत अंकों को आधार माना जा सकता है। इनमें जिसमें भी अधिक अंक बनते हैं, उसको आधार बना सकते हैं। बहुतकनीकी संस्थानों में भी अंतिम व अन्य वर्ष के विद्यार्थियों को अगले वर्ष या सेमेस्टर में प्रमोट करने व प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक देने का फार्मूला भी महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों की तरह ही लागू होगा।