
ABN : केंद्रीय संस्था की ओर से घोषित की कारोबार सुगमता रैंकिग दरअसल वित्तीय वर्ष 2018-19 की है। इस रैंकिंग में दिखाई गई राज्यों की स्थिति मौजूदा साल या बीते वित्त वर्ष की नहीं, बल्कि डेढ़ से दो साल पहले की है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पहली अक्तूबर से नई उद्योग एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति लागू हो रही है, जिसमें सभी आवश्यक बिंदु समाहित होंगे।2018-19 की रैंकिंग से न केवल हरियाणा, बल्कि कई राज्यों की रैंकिंग कम हो गई। राज्यों की रैंकिंग तैयार करने के लिए 2019 में नए मानकों के आधार पर सर्वे हुआ है। इस सर्वे में 25 से ज्यादा नए मानक शामिल किए गए थे, जबकि पहले से लागू कई मानक हटा दिए गए थे। इन महत्वपूर्ण बदलाव के चलते रैकिंग में उलटफेर हुआ। ताजा रैंकिंग बीते वित्त वर्ष या फिर मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार के कार्यकाल की नहीं है। यह साल 2018-19 की है और इसके लिए जून 2019 तक सर्वे किया गया था और इससे संबंधित सबूत व स्पष्टीकरण अगस्त 2019 तक जुटाए गए थे। यानी इस रैंकिंग में 2018 के कुछ महीने और 2019 के शुरुआती महीनों में निवेशकों के अनुभव को ही शामिल किया गया है।उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के अनुसार राष्ट्रीय राजनधानी दिल्ली के निकट होने के चलते यहां केएमपी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस के दोनों तरफ खाली जमीनों पर नई इंडस्ट्री लगने की काफी संभावना है। इसके अलावा प्रदेश सरकार खाली पंचायती जमीनों को नए उद्योग लगाने के लिए पट्टे पर देने का प्रस्ताव तैयार कर रही है। विभिन्न स्थानों पर छोटे उद्योगों के कलस्टर तैयार किए गए हैं। चीन में स्थापित 60 से ज्यादा कंपनियों ने हरियाणा में निवेश की इच्छा जताई है। ऐसे में मौजूदा वित्त वर्ष और आने वाले वर्षों में हरियाणा की रैकिंग में सुधार तय होना तय है। सरकार बदले हुए मानकों की स्टडी कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम उद्योगपतियों के हितों से किसी तरह का कोई समझौता करने वाले नहीं हैं। हम उन्हें जितनी सुविधाएं दे रहे हैं, उससे कहीं अधिक सुविधाएं बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की तरफ से भी निर्देश हैं कि उद्योगपतियों को तमाम राहत दी जाएं। वह खुद भी इसके पूरी तरह से पक्ष में हैं। #SHARE#COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।