
ABN : चंडीगढ़ के लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए चिली और न्यूजीलैंड की कीवी का सहारा लेंगे। शहर में मांग बढ़ने के साथ दिल्ली से विदेशी कीवी मंगवाई जा रही है। थोक विक्रेताओं का कहना है कि कोरोना की वजह से कीवी की मांग 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है। आपूर्ति न होने पर विदेशी कीवी मंगवानी पड़ रही है। सेक्टर- 26 में कीवी के थोक विक्रेता गौरव ठक्कर ने बताया कि हर साल बारिश के मौसम में कीवी की मांग बढ़ती है लेकिन कोरोना की वजह से इस बार पहले से ही मांग बढ़ी हुई है। दुकानदार अगले तीन माह तक का एडवांस भुगतान करने को तैयार हैं। बारिश के मौसम में 20 से 30 प्रतिशत तक की मांग बढ़ गई है। अब विदेशी कीवी दिल्ली से मंगवाई जा रही है। वहीं, थोक विक्रेता बंटू ने बताया कि लोग जहां एक या दो पीस कीवी खरीदते थे, वह अब पेटी ही खरीदकर ले जा रहे हैं। शहर में हिमाचल के अलावा जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से कीवी आती है। हिमाचल में सिरमौर, कुल्लू, सोलन, मंडी व शिमला जिले के मध्य पहाड़ी क्षेत्रों में कीवी की खेती के लिए उपयुक्त है। हिमाचल में कीवी की हेवर्ड, एबॉट, एलीसन, मोंटी, टुमयूरी और ब्रुनो नामक किस्में उगाई जा रही हैं, जिसमें हेवर्ड की कीवी की मांग सबसे ज्यादा रहती है। आयुष के नोडल अधिकारी डॉ. राजीव कपिला का कहना है कि कीवी के कई औषधीय गुण हैं। डेंगू, स्क्रब टायफस, हृदय रोगियों को डॉक्टर कीवी खाने की सलाह देते हैं। कीवी में भारी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। कीवी के सेवन से पाचन, गर्भावस्था में महिलाओं को रोगों से लड़ने में ऊर्जा मिलती है। वहीं, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यह अच्छा माध्यम है। विदेशी कीवी का बॉक्स : 600 से 1500 रुपये तक 20 से 27 रुपये प्रति पीस (थोक बिक्री) रिटेल में 30 से 35 रुपये हिमाचली कीवी : 50 से लेकर 120 रुपये किलो और प्रति पीस : 10 से 20 रुपये #SHARE#COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।