
क्या 12वीं बोर्ड की बची परीक्षाएं होंगी रद्द ?
सीबीएसई 12वीं बोर्ड के बचे हुए पेपर होंगे या नहीं, इस पर आज मानव संसाधन मंत्रालय और CBSE बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है. सीबीएसई और मंत्रालय ने कोर्ट को बताया है कि पेपर रद्द करने पर चर्चा एडवांस स्टेज में है और गुरुवार तक इस पर अंतिम फैसला कर लिया जाएगा. इस दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई गुरुवार तक टाल दी है. अब इस मामले की सुनवाई गुरुवार 25 जून को दोपहर 2 बजे होगी.कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए कुछ छात्रों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन के 12वीं क्लास के बचे हुए पेपर न कराए जाएं. अभिभावकों का मानना है कि एग्जाम देने से बच्चों के लिए खतरा पैदा हो सकता है. पैरेंट्स की तरफ से दायर याचिका में मांग की गई है कि 12वीं के बचे हुए बोर्ड एग्जाम कराने का जो फैसला सीबीएसई ने लिया है उसे रद्द किया जाए. अभिभावकों की याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई बोर्ड से जवाब मांगा था. कोर्ट ने इस मामले पर बोर्ड से कहा था कि वे हालात को देखते हुए अपना जवाब दे. सीबीएसई ने भी कहा था कि वह स्थिति को देखते हुए अपने दिशा-निर्देश बताएगा. आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई है. परीक्षाओं के बारे में अंतिम निर्णय गुरुवार को लिया जाएगा. जुलाई में होने वाले बचे हुए बोर्ड एग्जाम टल सकते हैं. बोर्ड परीक्षाओं के अलावा जुलाई में होने वाले देश के सबसे अहम एंट्रेंस एग्जाम जेईई और नीट एग्जाम को भी टाला जा सकता है. शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, "छात्रों की सुरक्षा सबसे अहम है. इन परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है." सूत्रों ने ये भी बताया कि कुछ परीक्षाओं को रद्द किया जा सकता है और जेईई मेन और नीट जैसे एंट्रेंस एग्जाम को स्थगित भी किया जा सकता है ।
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।