
ABN : देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसी बीच देश में विकसित हो रही भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आ आई है। भारत बायोटेक ने घोषणा की है कि 'कोवैक्सीन’ का जानवरों पर परीक्षण सफल रहा है।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, "यह दावा किया गया कि परिणामों ने 'लाइव वायरल चैलेंज मॉडल' में वैक्सीन की सुरक्षात्मक प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया।" हैदराबाद स्थित फर्म ने ट्वीट किया कि 'भारत बायोटेक गर्व से 'कोवैक्सीन' के पशु अध्ययन परिणामों की घोषणा करता है। यह परिणाम एक लाइव वायरल चैलेंज मॉडल में सुरक्षात्मक प्रभावकारिता प्रदर्शित करते हैं।' कहा गया है कि 'कोवैक्सीन' गैर-मानव स्तनपायी प्राणियों में सर्वोच्च श्रेणी के जीव (बंदर, चमगादड़ आदि) पर अध्ययन के नतीजों से वैक्सीन की प्रतिरक्षा क्षमता (इम्युनोजीनिसिटी) का पता चलता है।। कंपनी ने कहा कि 'कोवैक्सीन' ने बंदरों में वायरस के प्रति ऐंटीबॉडीज विकसित की। भारत बायोटेक, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' बना रहा है। स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ को ड्रग रेगुलेटरी से ट्रायल के दूसरे चरण की मंजूरी मिल गई है। दूसरे चरण में कोवैक्सीन का ट्रायल सात सितंबर से शुरू हो चुका है। भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का पहले चरण में देश के कई अलग-अलग हिस्सों में परीक्षण किया जा चुका है। दूसरे चरण में 380 वॉलंटियर्स पर वैक्सीन का परीक्षण किया जा रहा है।भारत बायोटेक वर्तमान में देश भर के कई अस्पतालों में कोरोना के मरीजों पर कोवैक्सीन के दूरसे चरण के नैदानिक परीक्षण का आयोजन कर रहा है। इसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली और पटना, विशाखापत्तनम में किंग जॉर्ज अस्पताल, हैदराबाद में निजाम का आयुर्विज्ञान संस्थान शामिल है। इसके साथ-साथ रोहतक पीजीआई में भी इसका परीक्षण चल रहा है।#SHARE#COMMENT#AmbalaBreakingNews
जनता का विश्वाश है कि उन के काम तो विज ही करवा सकता है, ये दरबार फिर से शुरू होना चाहिए जिस से दरबार में आने वालों को हर सुविधा हो , अब तो उन्हे मजबूरन धूप में, बारिश में लाइन लगा कर घंटो खड़े रहना पड़ता है।